Hindi sher-o-shayari

१. कम्बख्त  इश्क 
कम्बख्त  इश्क  के  जाल  में,
दिल पर  पत्थर  रख  दिया |
कमबख़्त  इश्क  के  जाल  में,
इन होठों  को  सिया |
जो लफ्ज़  बयान  न  कर  पाए ,
इन आँखों  ने  कह  दिया ||

२. खफा लाड़ली
पापा ने लाड़ली से कहा था,
सावन शिवजी का महीना है,
सावन के सोमवार व्रत रखो तो,
शिवजी की कृपा बनी रहती है |

खफा लाड़ली ने हर साल व्रत किया
बस एक प्रार्थना के साथ,
पापा को वापस भेज दो,
पापा का फिर से दिला दो साथ |

लाड़ली दिल से खफा रह गई,
पापा से की वो शिवजी के पास गये,
और शिवजी से की उनको रख लिया,
और बस अपनी यादों को छोड़ गये ||

३. पराये ख्वाब
अपने ख़्वाबों के पाख पे उड़ रहे थे हम,
अपने ख़्वाबों के पाख पे जी रहे थे हम |
दुनिया की चमक धमक देख हुए मगन से हम,
चमक धमक के पीछे अँधेरा देख हुए घायल से हम |
पराये ख्वाब के पीछे भागते हुए अपाहिज़ से हम,
पराये ख्वाब के पीछे भागते हुए पराये से हम || 
 
४. दिल रोता रहा 
यूँ छा गया हैं गम का साया,
अंधेरा रग-रग में समाया,
उम्मीद की मशाल गई बुझ,
बस अंधेरा हर तरफ़ हैं छाया।।
 
आंसूँओं की लहर गई सूख,
पर दिल रोता रहा फ़िर भी। 
आंसूँओं की लहर गई सूख,
पर दिल खोता गया फ़िर भी।।

मन चेहलाए चेहलता नहीं,
मन बेहलाए बेहलता नहीं। 
गम का ज़ख्म यूँ लगा,
दिल सेहलाए सेहलता नहीं ।।



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